झारखंड में गैरकानूनी कोयले का बढ़ रहा है व्यापार, चारकोल और छाई को मिलाकर किया जा रहा तैयार

Kumar Anil
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Image Source: Google/Image Edited By Canva

बोकारो: बोकारो जिले की दुग्धा रेलवे साइडिंग से करोड़ों के मिलावटी कोयले का अवैध कारोबार हो रहा है। पुलिस मुख्यालय ने एक टीम को छापेमारी के लिए भेजा, और उनकी जांच में यह साबित हुआ। वास्तव में, कोयले में अन्य सामग्री जैसे छाई, चारकोल, और पत्थर मिलाकर मिलावटी कोयला बनाया जाता है। फिर इस कोयले को अच्छी क्वालिटी के बताकर रेलवे द्वारा भेजा जाता है। यह कारोबार करोड़ों की माना जाती है। पुलिस ने दोनों साइडिंग से करीब 72 हजार टन कोयले का गिरफ्तार किया। अगर हर टन की कीमत 8,600 रुपये है, तो इस गिरफ्तार के मूल्य कोई 61.92 करोड़ रुपये होगा। छापेमारी के बाद, पुलिस टीम ने एक रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट के आधार पर, कई ट्रांसपोर्ट कंपनियों के मालिकों और चालकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार, बोकारो के बीकेबी रेलवे साइडिंग और आर्का रेलवे साइडिंग पर धोखाधड़ी की जा रही है, क्योंकि वहां से कोयला बाहर भेजने का नाम बताया गया था। इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने जांच के लिए एक टीम भेजी, जिसका नेतृत्व इंस्पेक्टर आभास कुमार ने किया। जांच में, बीकेबी रेलवे साइडिंग पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला, लेकिन लोगों ने बताया कि वहां से ट्रक से कोयला लाया जाता है। फिर इसमें अन्य सामग्री मिलाकर बहुत कम गुणवत्ता वाला कोयला बाहर भेजा जाता है, जिससे गुणवत्तापूर्ण कोयले का दाम वसूला जा सकता है।

दोनों साइडिंग पर मिलाया गया मिलावटी कोयला :

जांच के दौरान, बीकेबी साइडिंग में दो जगहों पर मिलावटी कोयले की स्थिति सामने आई। कांटाघर के सामने लगभग 25-30 टन कोयला डंप था, जबकि पश्चिम दिशा में चार-पांच हजार टन डस्ट कोयला रखा गया था। पांच ट्रकों में कोयला लोड किया गया था, जिनमें चारकोल और डस्ट भी था। जांच के बाद, पुलिस को यह पता चला कि इस कंपनी के मालिक प्रमोद अग्रवाल, विनीत अग्रवाल, मनोज अग्रवाल, जिन्हें बीनू और मीनू भी कहते हैं, हैं। जांच के बाद, पुलिस अर्का लॉजिस्टिक के रेलवे साइडिंग पहुंची।

जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि इस कंपनी के मालिक नारायण अग्रवाल और धर्मेंद्र सिंह उर्फ भोला सिंह हैं। इस साइडिंग से भी अच्छी क्वालिटी के कोयले के नाम पर मिलावटी कोयला रैक से बाहर भेजा जाता है। यहां जांच के दौरान 20-25 हजार टन डंप किया गया कोयला मिला। इसके अलावा, साइडिंग की पश्चिम दिशा में लगभग 10-12 हजार टन मिलावटी कोयला भी मिला।

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