चंद्रपुरा में अब पानी में तैरते सोलर पैनल से बिजली तैयार की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, इस काम को जल्द ही शुरू किया जाएगा। डीवीसी मुख्यालय प्रबंधन इस पर काम कर रहा है। यदि यह प्रोजेक्ट चंद्रपुरा में सफल हुआ तो यह डीवीसी का पहला प्रोजेक्ट होगा। प्रबंधन के मुताबिक, डीवीसी के वाटर रिजर्वायर में सोलर पैनल सिस्टम लगाकर 10 मेगावाट बिजली उत्पादन किया जाएगा। चंद्रपुरा में इस काम के लिए मैथेमेटिक सर्वे किया गया है और वाटर रिजर्वायर की सफाई की गई है। मुख्यालय से आए टीम ने स्थानीय स्थिति की जांच की है।
प्रबंधन इसे जांच रहा है कि सोलर पैनल लगने से पानी नुकसान नहीं होगा। एनआइटी के बाद टेंडर फाइनल होने के बाद काम शुरू होगा। सीटीपीएस के परियोजना प्रधान मनोज कुमार ठाकुर ने बताया कि 10 मेगावाट क्षमता का फ्लोटिंग सोलर सिस्टम लगाने की प्रक्रिया चल रही है। डीवीसी अपने कमांड एरिया में फ्लोटिंग और ग्राउंड सोलर सिस्टम से बिजली उत्पादन करने की तैयारी में है। मैथन, पंचेत, कोनार और तिलैया डैम में इस सिस्टम को लगाया जाएगा। तिलैया में ग्राउंड सोलर सिस्टम की तैयारी हो चुकी है।
डीवीसी ने सोलर सिस्टम पर की ध्यान केंद्रित:
उच्च प्रबंधन के अनुसार देश में ऊर्जा की मांग बढ़ रही है, लेकिन ऊर्जा की कमी और जीवाश्म ईंधन की घातक कमी के कारण, डीवीसी सोलर सिस्टम की ओर ध्यान दे रहा है। फ्लोटिंग सोलर सिस्टम में एक लेंस और कई सोलर सेल का उपयोग किया जाता है। इससे, खराब मौसम में भी सिस्टम सही से काम करता है।
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