Nicky Yadav
आपको पता है कि रतन टाटा पारसी हैं और पारसी ईरान से भारत आए थे।
जी हां ईरान से पारसी समुदाय के लोग शरण मांगने के लिए भारत में आए।
गुजरात के तट पर 800 से 900 की संख्या में जहाजों में भरकर किसी तरह से जान बचाते हुए भारत पहुंचे फिर वहां के राजा से उन्होंने कहा कि हमें शरण दी जाए।
राजा ने संकेत दिया और सेवक से एक दूध का पात्र लाने को कहा, पात्र पूरा भरा हुआ था।
उन्होंने कहा कि जैसे दूध का यह पात्र पूरा भरा हुआ है वैसे ही हमारे राज्य में कोई स्थान नहीं।
उसके बाद पारसी समुदाय के लोगों ने जो जवाब दिया वो उनकी व्यवहार कुशलता को बताता है।
उन्होंने उस दूध के अंदर चीनी डाली और चीनी डालकर कहा कि जैसे दूध के अंदर चीनी घुल जाती है ऐसे ही हम घुल करर रहेंगे।
हम जो आपकी प्रजा है उसके बीच में स्थान बना लेंगे। पारसी समुदाय जो आज देश का सबसे अल्पसंख्यक समुदाय है।
लेकिन देश की तरक्की में उनका बहुत बड़ा योगदान है।