क्या दारोगा मीरा सिंह और ASI सुनील सिंह के खिलाफ जांच हुई? जानिए इस मामले की पूरी कहानी

Kumar Anil
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ईडी ने कल यानि मंगलवार को दारोगा मीरा सिंह से की लंबी पूछताछ । 21 मार्च को उनके करीबी जमीन कारोबारी सह कांग्रेस नेता लाल मोहित नाथ शाहदेव के ठिकानों पर छापामारी हुई थी। 12.50 लाख रुपये नकद और आठ मोबाइल फोन तथा कुछ अन्य दस्तावेज़ मिले थे। इसके अतिरिक्त, चतरा के युवक विकास सिन्हा के साथ हुई बर्बरता पूर्वक पिटाई के मामले में भी रिपोर्ट मांगी गई है।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने रांची के एसएसपी को पत्र भेजा और चतरा के युवक विकास सिन्हा के साथ हुई बर्बरता पूर्वक पिटाई के मामले में अब तक हुई कार्रवाई की पूरी रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने जानना चाहा है कि तुपुदाना ओपी की तत्कालीन प्रभारी दारोगा मीरा सिंह और एएसआइ सुनील सिंह के विरुद्ध लगे आरोपों पर अब तक क्या कार्रवाई हुई है।

आयोग ने पहले भी एसएसपी से रिपोर्ट मांगी थी

आयोग ने इस मामले में नौ मई तक रिपोर्ट की मांग की है। पहले भी आयोग ने एसएसपी से पूरे मामले में रिपोर्ट की मांग की थी। पिछले 11 मार्च को भेजी गई रिपोर्ट में एसएसपी ने चतरा के युवक विकास सिन्हा को चोरी के आरोप में उठाया और उनके साथ बर्बरता की शिकायत की थी। लेकिन पूरे मामले की जांच अभी भी चल रही है।

यह भी बताया गया था कि दारोगा मीरा सिंह व एएसआइ सुनील सिंह के खिलाफ वरीय पुलिस पदाधिकारी द्वारा जांच की गई थी, जिसमें दोनों को दोषी पाया गया था। इसके बाद ही दोनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई थी, जो अब तक पूरी तरह से पूरी नहीं हुई है। एसएसपी के जवाब पर अब आयोग ने और जानकारी मांगी है।

ऑनलाइन FIR में विकास सिन्हा को शामिल नहीं किया गया

रांची के एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने 11 मार्च को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को जवाब भेजा है। उन्होंने इसमें ‘धुर्वा थाना कांड संख्या 16/2023’ का जिक्र किया है, जो एक चोरी का मामला है।

इस केस में तुपुदाना की तत्कालीन ओपी प्रभारी मीरा सिंह और एएसआइ सुनील सिंह पर विकास सिन्हा ने एक गार्ड के साथ बर्बरता पूर्वक पिटाई का आरोप लगाया था।

मारपीट में जख्मी विकास सिन्हा ने दारोगा मीरा सिंह और एएसआइ सुनील सिंह के खिलाफ ऑनलाइन एफआईआर किया था, लेकिन प्राथमिकी ही नहीं की गई।

विकास सिन्हा के ऑनलाइन एफआईआर में सिर्फ प्रारंभिक जांच हुई थी। आयोग को भेजी गई रिपोर्ट में उनके एफआईआर को छुपाया गया है।

मोबाइल से प्राप्त हुए डिजिटल साक्ष्य

ईडी ने दारोगा मीरा सिंह के साथ मोबाइल से मिले डिजिटल साक्ष्य के आधार पर मंगलवार को लंबी जांच की है। उनके और उनके करीबी जमीन कारोबारी सह कांग्रेस नेता लाल मोहित नाथ शाहदेव के घरों पर 21 मार्च को छापा मारा गया था। इस छापे में ईडी को 12.50 लाख रुपये नकद और आठ मोबाइल फोन तथा कुछ अन्य दस्तावेज मिले थे। मोबाइल में मिले वॉट्सएप चैट और डिजिटल साक्ष्य में बालू तस्करी से संबंधित कई साक्ष्य मिले थे। ईडी ने वाट्सएप चैट के आधार पर भी गहरी जांच की।

ईडी ने अवैध कमाई का सारा हिस्सा कहां-कहां पहुंचा आदि से संबंधित तथ्यों पर भी सारी जानकारी ली है। ईडी ये जानना चाहता है कि तुपुदाना ओपी क्षेत्र में कहां-कहां अवैध तरीके से जमीन की घेराबंदी कराई गई है और किसका सहयोग मिला है। ईडी ने दारोगा मीरा सिंह से आय-व्यय और संपत्ति का विवरण भी मांगा है।

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