उच्च शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जितने का अवसर, पढ़े पूरी खबर

Kumar Anil
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केंद्रीय उच्च शिक्षा विभाग ने विवि/कॉलेजों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों के शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के लिए 2024 के लिए नेशनल अवार्ड के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। आवेदन 20 जून 2024 तक जमा किए जा सकते हैं।

रांची (विशेष संवाददाता): केंद्रीय उच्च शिक्षा विभाग ने विवि/कॉलेजों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों के शिक्षकों को प्रोत्साहन के लिए 2024 के लिए नेशनल अवार्ड के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। आवेदन 20 जून 2024 तक जमा किए जा सकते हैं। इस बार विभाग ने दो कैटेगरी तय की हैं।

कैटेगरी-01 में उच्च शिक्षा संस्थानों के शिक्षक होंगे, जबकि कैटेगरी-02 में पॉलिटेक्निक संस्थानों के शिक्षक होंगे। शिक्षकों को अपनी प्रमुख उपलब्धियों का 800 शब्दों के अंदर लिखकर भेजना होगा। इसके तहत शिक्षक को टीचिंग लर्निंग एक्टिवनेस, आउटरीच एक्टिविटी, रिसर्च और इनोवेशन, स्पॉन्सर्ड रिसर्च/फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम/कंसलटेंसी आदि की जानकारी देनी होगी।

शिक्षक अपना आवेदन व विस्तृत जानकारी (http//www.awards.gov.in) पर भेज सकते हैं। और किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए संबंधित शिक्षक (ntaawards@aicte-india.org) से संपर्क कर सकते हैं। चयनित शिक्षक को पंच सितंबर (शिक्षक दिवस) के अवसर पर सम्मानित किया जाएगा।

सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा स्वीकृत भारत के नक्शे का अव्यवस्थित लगाने पर छह माह की कैद और जुर्माना

रांची। विश्वविद्यालय और कॉलेजों के साथ-साथ उच्च शिक्षा संस्थानों में हर स्थिति में सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त भारतीय मानचित्र का उपयोग करना या लगाना अनिवार्य होगा। केंद्रीय निर्देशन के तहत, यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (यूजीसी) ने सभी यूनिवर्सिटी के वीसी, कॉलेजों के प्रिंसिपल्स के साथ-साथ उच्च शिक्षा संस्थानों के निदेशक को पत्र भेजकर इसे सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

यूजीसी के सचिव, प्रोफेसर मनीष जोशी द्वारा जारी पत्र में यह कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति द्वारा भारत के मान्यता प्राप्त सर्वेक्षण विभाग द्वारा प्रकाशित मानचित्र से विपरीत मानचित्र प्रकाशित किया जाता है, तो उसे छह महीने के लिए कारावास या जुर्माने की सजा या दोनों में सजा दी जा सकती है।

सचिव ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से अनुरोध किया है कि वे कानून का पालन करें। सचिव ने कहा है कि कई मामलों में शिकायतें मिली हैं कि भारत के मानचित्र में छेड़छाड़ की जा रही है, जो गलत है। आयोग ने सभी शिक्षण संस्थानों को द क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट 17 अप्रैल 1990 की प्रति भी भेजी है।

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