जमीन घोटाले की जांच कर रही ईडी ने विशेष अदालत में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और चार अन्य के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
राज्य ब्यूरो, रांची। रांची जमीन घोटाला समाचार। ईडी जो मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है, ने रांची में स्थित विशेष अदालत में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और चार अन्य व्यक्तियों के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। ईडी की चार्जशीट में इस बारे में उल्लेख है कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मित्र और तत्कालीन मीडिया सलाहकार अभिषेक प्रसाद, जिन्हें पिंटू कहा जाता है, ने उनके कार्रवाई में सहयोग किया।
पिंटू ने 18 मार्च को ईडी की पूछताछ में यह मान लिया कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर ही उन्होंने सीएमओ में काम करने वाले उदय शंकर को बरियातू की विवादित 8.86 एकड़ जमीन का सत्यापन का निर्देश दिया था। उदय शंकर सीएमओ में पिंटू के प्राइवेट सेक्रेटरी के रूप में काम करता था।
तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर पिंटू ने जब उदय शंकर को बरियातू की उस जमीन के सत्यापन का निर्देश दिया, तो उदय शंकर ने भी मनोज कुमार से कहा था कि वह उस जमीन का सत्यापन करें।
फिर तत्कालीन अंचलाधिकारी मनोज कुमार ने तत्कालीन राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद को सीएमओ के उस आदेश को पूरा करने का निर्देश दिया था। भानु प्रताप प्रसाद ने उस अचल संपत्ति पर अवैध कब्जे से जुड़ी गतिविधियों में हेमंत सोरेन की मदद की थी।
ईडी ने विशेष अदालत को बताया है कि बरियातू की उस विवादित जमीन 2010 में सोरेन ने अवैध रूप से कब्जा किया था। वे उस जमीन को कब्जा करने के लिए गलत कागजात बनाने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने अपने आर्किटेक्ट दोस्त विनोद कुमार की सलाह पर वहां बैंक्वेट हाल बनाने की योजना बनाई थी।
कल्पना मुर्मू सोरेन के साझेदारी समझौते में रंजीत सिंह का नाम आया, और उनके नाम पर एक लीज़ फाइल मिली, जिसे लीज़ दस्तावेज कहा जाता है। ईडी ने जाँच की, उन्होंने पाया कि रंजीत सिंह पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन के साझेदारी समझौते का हिस्सा है। फाइल पर सीएमओ पिंटू अर्जेट लिखा गया है, और पिंटू का नाम पेन से कटा गया है। इस फाइल में कई हस्ताक्षर और अन्य दस्तावेज़ भी थे।
ईडी की जांच में पता चला कि यह मामला केवल 8.86 एकड़ जमीन से संबंधित नहीं है, बल्कि उस जमीन के बगल में एक और जमीन को भी हड़पने की योजना बनाई गई थी। इसमें हेमंत सोरेन और रंजीत सिंह ने मिलकर इन सभी संपत्तियों को हड़पने की योजना बनाई थी।
कल्पना मुर्मू सोरेन के साझेदारी समझौते में रंजीत सिंह का नाम आया, और उनके नाम पर एक लीज़ फाइल मिली, जिसे लीज़ दस्तावेज कहा जाता है। ईडी ने जाँच की, उन्होंने पाया कि रंजीत सिंह पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन के साझेदारी समझौते का हिस्सा है। फाइल पर सीएमओ पिंटू अर्जेट लिखा गया है, और पिंटू का नाम पेन से कटा गया है। इस फाइल में कई हस्ताक्षर और अन्य दस्तावेज़ भी थे।
ईडी की जांच में पता चला कि यह मामला केवल 8.86 एकड़ जमीन से संबंधित नहीं है, बल्कि उस जमीन के बगल में एक और जमीन को भी हड़पने की योजना बनाई गई थी। इसमें हेमंत सोरेन और रंजीत सिंह ने मिलकर इन सभी संपत्तियों को हड़पने की योजना बनाई थी।
हेमंत को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था, ईडी ने 30 मार्च को आरोप पत्र दाखिल किया
8.86 एकड़ जमीन हड़पने की कोशिश में, ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। उन्होंने उसी दिन झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। ईडी ने 30 मार्च को हेमंत सोरेन, उनके दोस्त आर्किटेक्ट विनोद कुमार सिंह, बड़गाईं अंचल के तत्कालीन राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, राजकुमार पाहन और हिलेरियस कच्छप के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। चार अप्रैल को, ईडी ने इस आरोप पत्र को ध्यान में लिया।
विवादित जमीन को अस्थाई तौर पर जब्त किया गया है, जिसकी कीमत लगभग 31 करोड़ रुपये है। ईडी ने सरकारी अधिकारियों सहित कई व्यक्तियों के खिलाफ मनी लांड्रिंग के तहत जांच शुरू की थी, जो झारखंड पुलिस में दर्ज प्राथमिकियों के आधार पर है।
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