राकेश वर्मा, बेरमो : जरीडीह के पूर्वी और पश्चिमी पंचायत के लिए नई जरीडीह बाजार ग्रामीण पुनर्गठन जलापूर्ति योजना को मंजूरी मिली है। इससे लोगों को अगले वर्ष ही पानी की समस्या से राहत मिलेगी। अभी लोगों को गर्मियों में पेजयल की कमी का सामना करना पड़ रहा है। झारखंड सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने 7.83 करोड़ रुपये की इस योजना को मंजूरी दी है। यह काम छह महीने से अधिक समय से चल रहा है। जरीडीह बाजार शहीद पार्क में बड़ा जलमीनार बनाया जा रहा है। इस योजना के पूरा होने के बाद, दोनों पंचायतों में रहने वाले 25-30 हजार लोगों को इसका लाभ मिलेगा।
इस योजना को पूरा करने में 18 महीने लगेंगे और तीन महीने का ट्रायल किया जाएगा। इस योजना के तहत जरीडीह बाजार के पश्चिमी पंचायत में पहले से बनी जलापूर्ति योजना को पूरी तरह से नवीनीकरण किया जा रहा है। साथ ही, एक वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाया जाएगा। नदी किनारे पर पुराने इंटेक वेल की जगह नए इंटेक वेल बनाई जाएगी। जर्जर पुरानी पाइप लाइन की जगह भी नई पाइप लाइन लगाई जाएगी। पहले तेनुघाट डैम से बेरमो की 19 पंचायतों के लिए बनाई गई मेघा जलापूर्ति योजना में जरीडीह बाजार के दोनों पंचायतों को अलग कर दिया गया था। लोगों ने बेरमो विधायक कुमार जयमंगल से बेरमो बहु ग्रामीण जलापूर्ति योजना से इन दोनों पंचायतों को जोड़ने की मांग की थी।
क्योंकि जरीडीह बाजार में पहले से जलापूर्ति योजना चल रही थी, इसलिए बेरमो बहु ग्रामीण जलापूर्ति योजना से उन दोनों पंचायतों को अलग से योजना की मंजूरी मिली। यह योजना ‘मेघा जलापूर्ति योजना’ कही जाएगी, क्योंकि किसी भी जलापूर्ति योजना में एक से अधिक गांव शामिल होने पर वह ‘मेघा जलापूर्ति योजना’ के अंतर्गत आती है। 2004 में पुरानी योजना का शिलान्यास हुआ था, और शिलान्यास 11 फरवरी 2004 को झारखंड सरकार के तत्कालीन पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मंत्री जलेश्वर महतो ने किया था। योजना के अंतर्गत बने इंटेक वेल से लेकर जलमीनार तक की स्थिति बिगड़ चुकी थी। जलमीनार से पानी की आपूर्ति पूरी तरह से रुक चुकी थी, और इसके बाद ‘जरीडीह बाजार ग्रामीण पुनर्गठन जलापूर्ति योजना’ की शुरुआत हुई।
बरसात के समय यह समस्या बढ़ जाती है। नदी में बनाए गए छोटे-छोटे इंटेक वेल में बालू भर जाता है, पाइप भी बह जाती है, और मोटर भी खराब हो जाता है। जरीडीह पूर्वी और पश्चिमी पंचायत में 15वें वित्त से बनाए गए हैं नौ इंटेक वेल। जरीडीह पूर्वी पंचायत की मुखिया कंचन देवी ने बताया कि दो साल पहले 15वें वित्त से पंचायत में दामोदर नदी के किनारे ढाई से तीन लाख की लागत से चार छोटे-छोटे इंटेक वेल और 30-35 स्थानों पर स्टैंड पोस्ट बनाये गए, जिससे नियमित रूप से जलापूर्ति की जाती है। इनमें से दो सोलर से और दो बिजली से चलते हैं। जरीडीह पश्चिमी पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि नरेश महतो का कहना है कि 15वें वित्त से उनकी पंचायत में पांच इंटेक वेल और करीब 35 स्थानों पर स्टैंड पोस्ट बनाकर जलापूर्ति की जाती है।
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