मेरे देश की धरती…इस गीत पर झूमा बोकारो

Kumar Anil
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वाद्य खिलाड़ी, बोकारो मेरे देश की धरती…से लेकर मेरा देश है ऐसा…पर बोकारो लोग आए. बैसाखी के दिन, शुक्रवार को बोकारो-चास के स्कूलों में मज़ा आया. छात्र-छात्राएँ नाचे भांगड़ा-गिद्दा, और शिक्षक भी मिले. बोकारो के पब्लिक स्कूल-सेक्टर तीन में बैसाखी पर्व मनाया गया. बच्चों ने पंजाबी संस्कृति को उत्सव मनाया, रंगीन भांगड़ा, गिद्दा और नृत्य किया . इनमें शिव, सान्या, सिम्मी, अनुर, हर्षिता, साइबा, रिजा, अनू,पलक, सब्बा, गरिमा, आराध्या, इसान, आसफा, मलैला और आरोही थे.

खालसा पंथ की स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है बैसाखी: डॉ सुधा शेखर ने छात्र-छात्राओं को समझाया: सिख समुदाय में बैसाखी का त्योहार खालसा पंथ की स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है. बैसाखी को वसंत ऋतु की शुरुआत का संकेत माना जाता है।

इस दिन किसान खुश होते हैं क्योंकि उनकी फसलें तैयार होती हैं। सिख समाज इसे नववर्ष के रूप में भी मनाता है। बैसाखी को विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे असम में बिहू, बंगाल में नबा वर्ष, केरल में पूरम विशु।

खालसा पंथ की स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है बैसाखी: डॉ सुधा शेखर ने छात्र-छात्राओं को समझाया: सिख समुदाय में बैसाखी का त्योहार खालसा पंथ की स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है. बैसाखी को विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है।

असम में इसे बिहू, बंगाल में नबा वर्ष, केरल में पूरम विशु कहा जाता है। स्टूडेंट्स ने पंजाबी लोक संस्कृति का जश्न मनाया, जीजीपीएस-चास में भी बैसाखी उत्सव हर्ष से मनाया गया। विद्यालय को रंग-बिरंगी लड़ियों से सजाया गया। प्री नर्सरी से कक्षा 3 तक के बच्चों ने पंजाबी परंपरागत परिधानों में नृत्य किया।

चतुर्थ से द्वादश तक के पवन, पानी, धर्त व आकाश चारों सदनों के विद्यार्थियों ने अंतर्सदनीय नृत्य प्रतियोगिता में पंजाब की पारंपरिक भांगड़ा व गिद्दा नृत्य प्रस्तुत किया. जीजीइएस के अध्यक्ष तरसेम सिंह ने कहा: ‘बच्चों को संस्कृति और समुदाय के मूल्यों को समझाना चाहिए। त्योहार और सांस्कृतिक विरासत के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने में सहायता मिलती है।’ सचिव सुरेंद्र पाल सिंह ने कहा: ‘इस प्रकार के कार्यक्रम से बच्चों को भारतीय त्योहारों और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के बारे में अधिक जानकारी मिलती है।

सीनियर विंग के समन्वयक नरेंद्र शर्मा, प्राइमरी विंग की समन्वयक मुनमुन कर्मकार और सह समन्वयक उषा कुमार भी मौजूद थे।

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