गोमिया में नक्सलियों ने एक बार फिर संघर्ष शुरू किया है। सीधाबारा पंचायत के खखंदो में पुल निर्माण में काम कर रहे कर्मियों पर गुरुवार को नक्सलियों ने हमला किया। इसके बाद कई मजदूर भाग खड़े हुए और काम बंद हो गया। मामले में लेवी और रंगदारी का भी शक है।
संवाद सहयोगी, गोमिया। गोमिया प्रखंड के चतरोचट्टी थाना क्षेत्र में बड़ी सीधाबारा पंचायत में नक्सली गतिविधियां फिर शुरू हो गई हैं। एक दर्जन नक्सलियों ने हथियारों के साथ पुल के निर्माण में काम कर रहे कर्मियों पर हमला किया और काम को बंद कर दिया। इस घटना के बाद कई मजदूर और कार्यकर्ता भाग गए।
लेवी और रंगदारी के संदर्भ में मामला
मारपीट में घायल पोकलेन ऑपरेटर अस्पताल जाने के बाद वहां से चला गया। मामला लेवी और रंगदारी से जुड़ा हुआ है। साक्ष्यों के अनुसार, गुरुवार रात को हथियार धारी नक्सली निर्माण स्थल पर पहुंचे। वहां उन्होंने कंपनी के मुंशी के बारे में पूछा, लेकिन कर्मियों ने उन्हें जानकारी नहीं दी। इसके बाद नक्सलियों ने पोकलेन ऑपरेटर से मुंशी का नाम और पता पूछा।
नक्सलियों ने पोकलेन ऑपरेटर के साथ हमला किया
ऑपरेटर ने कहा कि मुंशी अभी खाना खाने गया है, थोड़ी देर इंतजार करें। नक्सलियों ने उससे मुंशी का मोबाइल नंबर मांगा। ऑपरेटर ने कहा कि उसे मोबाइल नंबर नहीं पता। फिर नक्सलियों ने उसे पीटकर कार्यस्थल से दूर ले गए और वहां उसके साथ जमकर मारपीट की। फिर उन्होंने और दो कर्मियों को भी पीटा। नक्सलियों ने काफी देर तक धमकियाँ दी और सभी को मारने की धमकी दी।
नक्सलियों के लिए ‘लेवी’ यहां पहले भी आए थे
यहां, शुक्रवार की सुबह आस-पास के ग्रामीणों ने बताया कि पोकलेन ऑपरेटर शुक्रवार की सुबह तक कार्यस्थल पर था और घायल होकर अस्पताल जाने की बात कर रहा था। उसके बाद कोई कर्मी नजर नहीं आया।
जानकारी के अनुसार, पोकलेन ऑपरेटर कार्यस्थल से भागकर अपने घर हजारीबाग चला गया है। उसके घायल होने की जानकारी मुंशी ने दी। मुंशी ने बताया कि पोकलेन ऑपरेटर को दो-तीन दिन पहले ही यहां काम पर रखा गया था और उसका मोबाइल नंबर नहीं था।
उच्च स्तरीय पुल का निर्माण कार्य महीनों से चल रहा है और संवेदक द्वारा निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है। जानकारी के अनुसार, पहले भी लेवी को लेकर यहां नक्सली पहुंचे थे।
नक्सली हमलों से चिंतित है गोमिया
पिछले छह महीनों में गोमिया के कई क्षेत्रों में नक्सलियों की धमक बढ़ती रही है। कुछ महीने पहले इसी गांव के पास नक्सलियों ने पुलिस मुखबिर की हत्या की थी और पर्चे छोड़े थे। बीते महीने झुमरा पहाड़ के पास सीआरपीएफ के जवानों के साथ नक्सलियों की मुठभेड़ हुई थी, लेकिन वे जंगल में भाग गए थे। इस घटना के बाद आस-पास के लोगों में डर का माहौल है।
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