बुधवार को, बाल विवाह मुक्त समाज की संगठन सहयोगिणी की शिकायत पर, सीडब्लूसी ने एक अपरिपक्व को शादी से बचा लिया। इस मामले का संबंध चंदनकियारी प्रखंड के बरमसिया ओपी थाना क्षेत्र से है।
बोकारो के चंदनकियारी में एक किशोरी को बाल विवाह से बचा लिया गया। सहयोगिनी संस्था ने सीडब्लूसी के बोकारो अध्यक्ष डॉ. शंकर रवानी को बाल विवाह होने की लिखित सूचना भेजी। उन्होंने बताया कि झालबरदा बस्ती में एक किशोरी का विवाह 1 मई को होने वाला है।
सीडब्लूसी ने इस मामले पर त्वरित कार्रवाई की
डॉ. रवानी की टीम (सीडब्लूसी अध्यक्ष डॉ. रवानी, सदस्य समाजसेवी प्रगति शंकर, सदस्य प्रीति प्रसाद, रेणु रंजन, रजी अहमद) ने बाल विवाह को रोकने के लिए चंदनकियारी के बीडीओ और संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखा। उन्होंने तुरंत कार्रवाई की और शादी को रोका। इसके बाद, नाबालिग की मां ने सीडब्लूसी को लिखकर दिया कि पुत्री की शादी बालिग उम्र 18 साल के बाद होगी।
अभिभावकों को बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर महत्व देना चाहिए
कुछ दिनों पहले चंदनकियारी में एक ऐसा मामला सामने आया था जिसमें बीडीओ ने एक शादी को रोका था। हालांकि, पुलिस और सहायक संगठनों की मदद से नाबालिग की शादी को रोका गया है, लेकिन यह एक चिंता का विषय है। बाल विवाह को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा कई जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके तहत, पोस्टर लगाकर, गांव-गांव में जाकर, बाल विवाह के नकारात्मक प्रभावों की जानकारी लोगों को दी जाती है। अभिभावकों को यह समझना चाहिए कि उनके बच्चों के खेलने-कूदने की उम्र में उनकी शादी से कैसे प्रभाव पड़ता है। अभिभावकों को अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर ध्यान देना चाहिए ताकि उनका भविष्य सुरक्षित रहे।
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