बोकारो में गर्मी में राहत पाने के लिए लोग हेल्थी ड्रिंक्स जैसे लस्सी, फ्रूट जूस पी रहे हैं। बोकारो के सेक्टर वन संत जेवियर स्कूल के सामने स्थित 40 साल पुरानी बेल शरबत की दुकान बहुत प्रसिद्ध है, जहां बेहतरीन ताजा बेल शरबत मिलता है। यात्री यहां आकर अपनी थकान मिटाते हैं और रिफ्रेश होते हैं।
दुकान के मालिक राम कुमार ने बताया कि उन्होंने पिछले 15 सालों से अपनी दुकान चलाई है और यह दुकान उनके पिताजी ईश्वर जी ने 1965 में शुरू की थी। उस समय बेल शरबत की कीमत गिलास पर 2 रुपए थी। लेकिन अब इसकी कीमत 10 रुपए प्रति गिलास है।
जाने बेल का शरबत बनाने का तरीका
राम, जो बेल का शरबत बेचते हैं, ने बताया कि उन्हें बेल फल मंडी से 700 से 800 रुपए प्रति बोरा मिलता है। वे हफ्ते में एक दिन जंगल से बेल तोड़ते हैं। शरबत बनाने के लिए उन्होंने बताया कि सबसे पहले बेल को काटकर अंदर का भाग निकाला जाता है और फिर इसे पानी में धोया जाता है। फिर इसे मिलाकर छानकर और चीनी मिलाकर ग्राहकों को बेचते हैं। वे डायबिटीज के मरीजों के लिए अलग से चीनी के बिना शरबत भी बनाते हैं।
कितने बजे खुलती है ये दुकान?
रवि विक्रेता हैं। उन्होंने कहा कि उनकी दुकान में हर दिन 80 से 160 गिलास बेल का शरबत बिक जाता है। वह दुकान का संचालन सुबह 5:30 बजे से शाम 4:00 बजे तक करते हैं। सर्दियों में, उन्हें चाय की बिक्री करनी पड़ती है।
ग्राहक उमेश जी कहते हैं कि गर्मियों में बेल का शरबत पीने से शरीर को ठंडक मिलती है और इससे गैस और अपच की समस्या भी कम होती है।
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