टेंडर घोटाला: कमीशन से प्राप्त राशि का मनी लांड्रिंग करने के आरोप में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को आज पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें न्यायिक हिरासत में ले लिया गया। उन्हें रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल भेज दिया गया। ईडी ने कोर्ट के आदेश पर 17 मई को पूछताछ के लिए आलमगीर आलम को जेल से अपने साथ ले गई थी।
टेंडर घोटाला: टेंडर कमीशन मामले में गिरफ्तार ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को 14 दिनों की पूछताछ के बाद कोर्ट में पेश किया गया। वहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में लेते हुए बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार, होटवार भेज दिया गया। ईडी ने कोर्ट के आदेश पर 17 मई को पूछताछ के लिए आलमगीर आलम को जेल से अपने साथ ले गई थी।
आलमगीर आलम भेजे गए जेल
गौरतलब है कि टेंडर कमीशन घोटाले में मनी लांड्रिंग की जांच कर रही ईडी की रिमांड पर मंत्री आलमगीर आलम का आज 14वां दिन पूरा हुआ।
आज पीएमएलए कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल भेज दिया गया।
इन 14 दिनों की पूछताछ में, ईडी ने मंत्री आलमगीर आलम के सामने उनके पूर्व में गिरफ्तार निजी सचिव संजीव लाल और संजीव लाल के नौकर जहांगीर को भी बिठाकर पूछताछ की।
28 मई को, IAS मनीष रंजन के साथ आलमगीर से हुई थी पूछताछ
संजीव लाल और उनके नौकर जहांगीर आलम से जुड़े ठिकानों से करीब 37.5 करोड़ रुपये नकद और भारी मात्रा में दस्तावेज बरामद हुए थे। इसके बाद, ईडी ने 28 मई को मंत्री आलमगीर आलम के सामने ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व सचिव मनीष रंजन को भी बिठाया और टेंडर कमीशन के खेल को समझा।
ईडी ने आलमगीर आलम और मनीष रंजन के बीच हुई वॉट्सएप चैट, टेंडर कमीशन के बंटवारे और कमीशन की राशि से संबंधित बातचीत पर भी पूछताछ की। ईडी ने मनीष रंजन को अब 3 जून को चल-अचल संपत्ति के दस्तावेज के साथ उपस्थित होने के लिए कहा है।
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